बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की प्रचंड जीत, महागठबंधन को बड़ा झटका
लेखक: India Zee News | तारीख: 14 नवंबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। गठबंधन दलों के बीच कड़ी टक्कर के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (NDA) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रचंड जीत हासिल की है। भाजपा और जदयू के संयुक्त रूप ने इस चुनाव को अपने पक्ष में कर लिया, जिससे महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है और राजद-कांग्रेस गठबंधन को चुनाव में भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, NDA ने लगभग 150 से अधिक सीटें जीती हैं, जो कि विधानसभा की कुल 243 सीटों में से एक स्पष्ट बहुमत दर्शाता है। भाजपा और जदयू ने मिलकर बिहार की जनता का विश्वास हासिल किया है, जो उनके विकास कार्यों और राजनीतिक रणनीतियों का नतीजा माना जा रहा है।
एनडीए की जीत के प्रमुख कारण
एनडीए की जीत के कई प्रमुख कारण प्रमुख हैं:
- विकास कार्यों का असर: पिछले पांच वर्षों में बिहार में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे आधारभूत ढांचों में सुधार हुआ। जनता ने इन विकास कार्यों को वोट के माध्यम से सराहा।
- सशक्त चुनाव रणनीति: भाजपा-जदयू गठबंधन ने चुनाव प्रचार में डिजिटल और सामुदायिक स्तर पर व्यापक अभियान चलाया, जिससे प्रभावी मतदाताओं तक पहुंच बनी।
- महागठबंधन की कमजोरी: राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच मतभेद और विसंगति ने उनके चुनाव अभियान को कमजोर किया।
- युवा मतदाताओं का समर्थन: युवाओं ने रोजगार व शिक्षा के मुद्दों को लेकर एनडीए के पक्ष में वोट किया।
महागठबंधन को बड़ा झटका
महागठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और कुछ अन्य दल शामिल हैं, इस चुनाव में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाया। इनके कई प्रमुख नेता हार गए और गठबंधन की सीट संख्या उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। राजद की कमजोर स्थिति ने कांग्रेस पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला।
इस चुनाव के परिणामों ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां एनडीए की बढ़ती ताकत महागठबंधन के लिए चुनौती बन गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और राज्य में बेहतर संगठन कायम करना होगा ताकि आगमी चुनावों में वह मजबूत वापसी कर सके।
चुनाव नतीजों का राजनीतिक असर
बिहार के इस चुनावी नतीजे का न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। एनडीए की जीत से केंद्र सरकार को भी मजबूती मिली है। भाजपा की केंद्रीय स्थिति और जदयू के राज्य में प्रभावशाली नेतृत्व ने इस जीत को सुनिश्चित किया है।
राज्य में विकास, कानून व्यवस्था और सामाजिक कल्याण के मुद्दे अब एनडीए के नेतृत्व में नए सिरे से आगे बढ़ेंगे। विपक्षी दलों को भी चाहिए कि वे खुद को फिर से संगठित करें और जनता की अपेक्षाओं को बेहतर तरीके से समझें।
मुख्य आँकड़े और तथ्य
- कुल विधानसभा सीटें: 243
- NDA के तहत भाजपा-जदयू जीत: करीब 150+ सीटें
- महागठबंधन की सीटें: लगभग 85-90
- चुनाव में मतदान प्रतिशत: लगभग 60%
- मुख्य हारे हुए नेता: राजद के कई वरिष्ठ मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
नवीनतम राजनीतिक विकास
इस चुनाव परिणाम के बाद राज्य में मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पद के लिए जदयू के प्रमुख का नाम मजबूत माना जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राजद और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी हार स्वीकार की है और भविष्य के लिए अपनी रणनीति बनाने का संकेत दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आगामी महीनों में बिहार की राजनीति में कई नए क़दम देखने को मिल सकते हैं।