हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के हस्ताक्षर अनिवार्य
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री डॉ. नायब सिंह सैनी ने एक नया महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है जिसमें सरकारी अस्पतालों में मरीजों की ओपीडी पर्चियों, लैब रिपोर्टों और दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन पर डॉक्टरों के हस्ताक्षर अनिवार्य कर दिए गए हैं। यह फैसला चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है।
मुख्यमंत्री के इस बयान के अनुसार, चिकित्सा दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों के हस्ताक्षर जरूरी होंगे ताकि मरीजों को सही इलाज और भरोसेमंद रिपोर्ट मिल सके। इससे अस्पतालों में चिकित्सा सम्बन्धी धोखाधड़ी और गलत प्रिस्क्रिप्शन को रोकने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवा सुधार की दिशा में निरंतर प्रयास
डॉ. सैनी ने कहा है कि प्रदेश सरकार चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर सुधार कर रही है। बीते कुछ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई गई है और अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही, मरीजों को मुफ्त इलाज और बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
डॉक्टरों के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने और मरीजों के लिए इलाज को सुलभ बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। नई नीति से डॉक्टरों की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और मरीजों को सुनिश्चित लाभ मिलेगा।
मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए फायदे
इस नए निर्देश से मरीजों को अधिक भरोसेमंद रिपोर्ट और दवाइयां मिलेंगी, जिससे उनका इलाज बेहतर होगा। डॉक्टरों को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे अपने कार्यों में और अधिक पारदर्शी होंगे।
यह कदम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में विश्वास बढ़ाने और बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार की एक और महत्वपूर्ण पहल है।